स्टीफन हॉकिंग जिन्होंने मौत को मात दे दी – Inspirational Life Story of Stephen Hawking

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8 जनवरी 1942, को स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) का जन्म हुआ था। हालांकि वे एक अच्छे शिक्षित परिवार में पैदा हुए थे, परन्तु उनके परिवार की आर्थिक अवस्था ठीक नहीं थी।  द्वितीय विश्व युद्ध का समय आजीविका अर्जन के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था और एक सुरक्षित जगह की तलाश में उनका परिवार ऑक्सफोर्ड आ गया।

आप को यह जानकार अचरज होगा कि जो Stephen Hawking आज इतने महान ब्रह्मांड विज्ञानी है, उनका स्कूली जीवन बहुत उत्कृष्ट नहीं था|
वे शुरू में अपनी कक्षा में औसत से कम अंक पाने वाले छात्र थे, किन्तु उन्हें बोर्ड गेम खेलना अच्छा लगता था| उन्हें गणित में बहुत दिलचस्पी थी, यहाँ तक कि उन्होंने गणितीय समीकरणों को हल करने के लिए कुछ लोगों की मदद से पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के हिस्सों से कंप्यूटर बना दिया था|
ग्यारह वर्ष की उम्र में स्टीफन, स्कूल गए और उसके बाद यूनिवर्सिटी कॉलेज, ऑक्सफोर्ड गए| स्टीफन गणित का अध्ययन करना चाहते थे लेकिन यूनिवर्सिटी कॉलेज में गणित  उपलब्ध नहीं थी, इसलिए उन्होंने भौतिकी अपनाई।
विकलांगता – Disability

ऑक्सफोर्ड में अपने अंतिम वर्ष के दौरान हॉकिंग अक्षमता के शिकार होने लगे| उन्हें सीढ़ियाँ चढ़ने और नौकायन में कठिनाइयों का समाना करना पड़ा| धीरे-धीरे यह समस्याएं इतनी बढ़ गयीं कि उनकी बोली लड़खड़ाने लगी। अपने 21 वें जन्मदिन के शीघ्र ही बाद, उन्हें Amyotrophic Lateral Sclerosis (ALS) नामक बीमारी से ग्रसित पाया गया| इस बीमारी के कारण शरीर के सारे अंग धीरे धीरे काम करना बंद कर देते है और अंत में मरीज की म्रत्यु हो जाती है।

उस समय, डॉक्टरों ने कहा कि स्टीफन हॉकिंग दो वर्ष से अधिक नहीं जी पाएंगे और उनकी जल्द ही मृत्यु हो जाएगी|
धीरे-धीरे हॉकिंग की शारीरिक क्षमता में गिरावट आना शुरू हो गयी|  उन्होंने बैसाखी का इस्तेमाल शुरू कर दिया और नियमित रूप से व्याख्यान देना बंद कर दिया। उनके शरीर के अंग धीरे धीरे काम करना बंद हो गये और उनका शरीर धीरे धीरे एक जिन्दा लाश समान बन गया |
लेकिन हॉकिंग ने विकलांगता को अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया। उन्होंने अपने शोध कार्य और सामान्य जिंदगी को रूकने नहीं दिया|
जैसे जैसे उन्होंने लिखने की क्षमता खोई, उन्होंने प्रतिपूरक दृश्य तरीकों का विकास किया यहाँ तक कि वह समीकरणों को ज्यामिति के संदर्भ में देखने लगे।
विकलांगता पर विजय
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2007 में स्टेफन हाकिंग जीरो ग्रेविटी पर उड़ते हुए

जब हर किसी ने आशा खो दी तब स्टीफन अपने अटूट विश्वास और प्रयासों के दम पर इतिहास लिखने की शुरुआत कर चुके थे| उन्होंने अपनी अक्षमता और बीमारी को एक वरदान के रूप में लिए । उनके ख़ुद के शब्दों में “वह कहते हैं,

“मेरी बिमारी का पता चलने से पहले, मैं जीवन से बहुत ऊब गया था| ऐसा लग रहा था कि कुछ भी करने लायक नहीं रह गया है।”
लेकिन जब उन्हें अचानक यह अहसास हुआ कि शायद वे अपनी पीएचडी भी पूरी नहीं कर पायेंगे तो उन्होंने, अपनी सारी ऊर्जा को अनुसंधान के लिए समर्पित कर दिया।
अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने यह भी उल्लेख किया है –

“21 की उम्र में मेरी सारी उम्मीदें शून्य हो गयी थी और उसके बाद जो पाया वह बोनस है ।”

उनकी उनकी बीमारी  ठीक नहीं हुयी और उनकी बीमारी ने उन्हें व्हीलचेयर पर ला दिया और उन्हें एक कंप्यूटर मशीन के माध्यम से बात करने के लिए मजबूर कर दिया, लेकिन वे कभी रुके नहीं|

उनके ख़ुद के शब्दों में
” हालांकि मैं चल नहीं सकता और कंप्यूटर के माध्यम सेबात करनी पड़ती है, लेकिन अपने दिमाग से मैं आज़ादहूँ“।“
बावजूद इसके कि स्टीफन हॉकिंग का शरीर एक जिन्दा लाश की तरह हो गया था लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी| वे यात्राएं करते है, सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेते है और आज लगभग 74 वर्ष की उम्र में निरंतर अपने शोध कार्य में लगे हुए है। उन्होंने विश्व को कई महत्वपूर्ण विचारधाराएँ प्रदान की और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपना अतुल्य योगदान दिया|
वे अंतरिक्ष में जाना चाहते है और वे कहते है कि उन्हें ख़ुशी होगी कि भले ही उनकी अंतरिक्ष में मृत्यु हो जाए|
जीने की इच्छा और चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तत्परता से स्टेफन हाकिंग ने यह साबित कर दिया कि मृत्यु निश्चित है, लेकिन जन्म और मृत्यु के बीच कैसे जीना चाहते हैं वह  हम पर निर्भर है|
हम ख़ुद को मुश्किलों से घिरा पाकर निराशावादी नज़रिया लेकर मृत्यु का इंतज़ार कर सकतें या जीने की इच्छा और चुनौतियों को स्वीकार कर ख़ुद को अपने सपनों के प्रति समर्पित करके एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जी सकते है|

– Achiseekh

एका रात्रीत ‘तो’ बनला टाटा-अंबानीहून अधिक श्रीमंत…

मुंबई : शेअर ब्रोकिंगमधून आपला व्यवसाय सुरु करणारे आणि मुंबईतल्या विविध भागात आपली रिटेल स्टोअर असणारे  राधाकिशन दमाणी एका रात्रीत दलाल स्ट्रीटवरील चर्चेचा विषय ठरलेत.
दमाणी यांनी आपल्या शेअर्सची किंमत २९९ रुपये ठेवली होती. मात्र बाजारातल्या अंकांनी झालेल्या ११४% तेजीनंतर ती किंमत ६४१ रुपये झाली. डी-मार्टमधील वस्तुंच्या किंमती फ्युचर रिटेल, ट्रेंट, व्ही-मार्ट रिटेल आणि शॉपर्स टॉपच्या एकूण किंमतींपेक्षा जास्त आहेत.

उल्लेखनीय म्हणजे, दमाणी यांना २००० सालच्या सुरुवातीला टेक बूममध्ये सहभाग नाकारला गेला होता… तीच व्यक्ती आता इतक्या करोड रुपयांच्या उलाढालीचा व्यवसाय सांभाळते.
या ६१ वर्षीय राधाकिशन दमाणींची या कंपनीत ८२ टक्क्यांची भागिदारी होती. ही संपत्ती आता जवळपास ३३,१२५ करोड रुपयांची आहे. इतकंच नव्हे तर व्हीएसटी इंडस्ट्रीज, ब्लू डार्ट, सुंदरम फास्टनर्स, टीव्ही १८, ३ एम इंडियासारख्या कंपनीत त्यांची जवळपास २,६५० करोडांची भागेदारी आहे.
एकूण उत्पन्न आणि भागेदारी पाहता दमाणी एकूण ३५,७७५ करोडांचे मालक आहेत. त्यांच्या एकूण उत्पन्नानुसार ते जगातील सर्वात श्रीमंत भारतीयांपैकी पहिल्या पंधरामध्ये आहेत.

या कंपन्याचा मूळ बाजार भांडवलच २४,००० करोड रुपयांचं आहे. देशभरात बऱ्याच ठिकाणी डी-मार्टची सुपर मार्केट्स आहेत.

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Concentration : First Step Towards A Successful Life

हमारे कई पढने वालों ने हमसे एकाग्रता (Concentration) को लेकर इस बार कई प्रश्न किये जिनके गहन उत्तर हमने इस लेख द्वारा देने की कोशिश की है | आप में से बहुत से लोग इस बात से बहुत परेशान रहते होंगे कि उनका मन किसी काम में पूर्णत: नहीं लग पाता और Students तो यह शिकायत अवश्य करते हैं | ये परेशानी हम सब के जीवन में कभी न कभी अवश्य आती है और इसका मूल कारण है जीवन में एकाग्रता (Concentration) का अभाव | एक सफल व्यक्ति बनने के लिए एकाग्रता का होना अत्यंत आवश्यक है | जीवन के प्रत्येक क्षण में आपको एकाग्रता (Concentration) की आवश्यकता पड़ती है | हर एक कलाकार अपनी कला प्रस्तुत करने में तब तक सक्षम नहीं है जब तक वह एकाग्रता का अनुसरण न करे |

What is Concentration?

एकाग्रता यानी Concentration, क्या है ये एकाग्रता ?


एकाग्रता (Concentration) वह है जब मनुष्य की सारी मानसिक तथा शारीरिक शक्ति उसी कार्य में लगी हो जो उसे करना है तथा और उस समय में किसी और चीज़ या कार्य पर उसका ध्यान न जाए | मगर ऐसा करना इतना सरल नहीं है क्योंकि अक्सर हम मनुष्यों का मन अपने आस-पास कि चीज़ों को देख कर या शोर-गुल को सुन कर विचलित हो उठता है और मन भटकाने वाली चीज़ें हर जगह मौजूद होती हैं | संस्कृत में कहा गया है-

“तप: सु सर्वेषु एकाग्रता परमं तप:”

इसका अर्थ है, सभी तपस्याओं को करने से बड़ा तप है एकाग्रता (Concentration)| जीवन का कोई भी साधारण सा कार्य बिना एकाग्रता के निष्फल ही रहता है फिर चाहे वह ईश्वर की साधना हो, साइंस का कोई परीक्षण हो, पढ़ाई में ध्यान लगाना हो या रसोई में खाना पकाना |


यहाँ एक छोटा सा उदाहरण लेते हैं – कभी किसी मूर्तिकार को मूर्ति बनाते हुए देखा है आपने, उसका मन, हृदय, उसकी आँखें सभी उस मूर्ति में विलीन होते हैं, मूर्ति बनाते समय उसे कुछ और न तो सुनाई देता है, न दिखाई देता है और फलस्वरूप एक ऐसी मूर्ति उभर कर आती है जिसे देखते ही हम मंत्र मुग्ध हो जाते हैं | इस उदाहरण द्वारा आप भली भाँती समझ गए होंगे कि एकाग्रता (Concentration) क्या है |

बहुत से लोगों को लगता है कि भक्ति या योग साधना द्वारा एकाग्रता प्राप्त की जा सकती है | बिना एकाग्रता पर ध्यान दिए वह कुछ समय तक भक्ति तथा योग करते रहते हैं और उसके पश्चात पछताते कि सब करके देख लिया परन्तु अपने मन को किसी एक ओर एकाग्र (Concentrate) नहीं कर पाए |

एकाग्रता का महत्व

एकाग्रता हम सभी के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि एकाग्रता के बिना आप कोई भी कार्य पूर्ण रूप से नहीं कर सकते और कर भी लेते हैं तो आपको संतुष्टि तो कदापि नहीं मिलेगी | यदि आप पूजा अर्चना कर रहे हैं और ध्यान बाहर हो रही हलचल या टेलीविज़न पर चल रहे धारावाहिक में खोया हुआ है तो पूजा अर्चना तो पूर्ण रूप से निष्फल ही रह गयी | अगर आप खाना पकाते समय किसी और काम की चिंता में खोये हुए हैं तो अक्सर सब्जी में नमक कम या अधिक हो जाता है फलस्वरूप आपका कार्य बिगड़ जाता है | हम आपको कुछ उपाय बताते हैं जो मन को एक कार्य की ओर एकाग्रित करने में आपकी सहायता करेंगे क्योंकि एकाग्रता (Concentration) ही मनुष्य को सफलता (Success) तक पहुंचाती है |

यदि एक बार आपके मन में एकाग्रता का वास हो जाए तो आप अपने कार्यों को किसी भी जगह बिना ध्यान भटकाए पूर्ण रूप से कर सकते हैं  | आपके कार्य फिर कहीं भी बाधित नहीं होंगे फिर चाहे आप ट्रैफिक में उसे पूर्ण करें या रिश्तेदारों के बीच बैठकर |

शांत मन ही एकाग्रता पाने का पहला चरण है

मनुष्य का मन बहुत ही चंचल होता है जो तितली की तरह कहीं भी नहीं टिकता | जब तक मन शांत व् स्थिर नहीं होता तब तक एकाग्रता पाना भी असंभव ही रहता है | इसीलिए हम आपको कुछ छोटी–छोटी बातें बताते हैं जो मन को शान्ति प्रदान करने हेतु महत्वपूर्ण हैं जैसे कि आपको व्यर्थ की बातों के बारे नहीं सोचना चाहिए जिनसे आपका कोई सरोकार न हो | मन को शांत रखने हेतु भय, क्रोध तथा द्वेष जैसी त्रुटियों से बचने का प्रयत्न करना चाहिए | शांत तथा तनाव रहित मन:स्थिति बनाए रखने के लिए कुछ संगीत भी आप सुन सकते हैं | सुबह के समय किसी हरी भरी जगह व्यायाम करने से या पार्कों में टहलने से भी मन को अत्यधिक सुकून की प्राप्ति होती है |

Concentration Tips in Hindi

मन को एकाग्रित करने के कुछ उपाय

यहाँ हम आपको मन को एकाग्रित करने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय बताते हैं जैसे कि

  • अपने घर में किसी जगह पर एक केंद्र बिंदु बनायें तथा उसकी ओर ध्यान केन्द्रित करें | यह विधि अपनाते समय आरम्भ में आपका ध्यान कई बार टूटेगा फिर धीरे धीरे स्थिरता प्राप्त होगी | ध्यान केन्द्रित करने का समय धीरे धीरे बढ़ाएं | वैज्ञानिक शोधकर्ताओं द्वारा भी यह विधि प्रमाणित है | इससे आपको एकाग्रता (Concentration Power) बढ़ाने में सहायता मिलेगी तथा यह आपकी स्मरण शक्ति (Memory Power) को भी बढ़ाएगा |
  • जल्दी सुबह उठकर मैडिटेशन (Meditation) करने से भी आपका मन शांत रहेगा तथा आपको एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलेगी |
  • एकाग्रता बढ़ाने के लिए यह अति आवश्यक है आपका मन क्रोध से रहित हो, क्योंकि क्रोधी मन कभी एकाग्र नहीं हो सकता |
  • एक ही समय में कई काम करने से आप कभी एकाग्रता से कार्य नहीं कर पायेंगे | आपको चाहिए कि एक समय में एक ही कार्य करें, उसी के बारे में विचार करें तथा हर कार्य के लिए अलग अलग समय सुनिश्चित करें |
  • एकाग्रता के लिए एक और अहम आवश्यकता होती है – भरपूर नींद | आपको एक अच्छी नींद के बाद स्फूर्ति से काम करने की ताकत मिलती है तथा मन भी तनाव रहित व शांत रहता है, जो एकाग्रता (Concentration) के लिए अत्यावश्यक है |
  • अनुशासन भी एकाग्रता के लिए अत्यंत आवश्यक है | आप समय निर्धारित करें कि इस समय में आपको यही काम करना है, हो सकता है कुछ समय तक आपका ध्यान भटकता रहे, परन्तु कार्य संपूर्ण होने से पहले या निर्धारित समय से पहले आप नहीं उठें | कुछ दिनों में आप महसूस करेंगे कि आपका ध्यान धीरे धीरे उस ओर केन्द्रित (Focus) होने लगा है |

Concentration Tips For Students

विद्यार्थियों के लिए एकाग्रता के उपाय

अब हम केवल Students की बात करें तो उन्हें सबसे अधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है जब परीक्षा से पूर्व उनका मन विचलित रहता है | Students को चाहिए कि वह एक समय सारणी (Time Table) बनाए जिसमें वह पढने का समय सुनिश्चित करें | उदाहरण के लिए

  • पहले आप दिन में दो घंटे का समय केवल पढने के लिए निर्धारित करें |
  • अपना भोजन ग्रहण कर तथा पानी पीकर बैठे ताकि आपको उठने की आवश्यकता न पड़े |
  • शांत वातावरण को चुनें तथा मोबाइल फ़ोन व् टेलीविज़न से दूर रहे |

हो सकता है कि ये उपाय आरम्भ में आपको परेशान करें और आपका मन पढ़ाई (Study) में न लगे पर वहीँ बैठे रहे | चाहे कितनी ही चीज़ें आपके मन को विचलित करती रहे पर आप प्रयत्न करते रहे कि आपका ध्यान किताबों में लग सके | कुछ ही दिनों में आपको उस समय में पढने की आदत पड़ जाएगी तथा आपका मन भी उस चीज़ को स्वीकार कर लेगा | तत्पश्चात पढने के समय को धीरे धीरे बढ़ाएं |

How to Concentrate on Studies (10 Study Tips in Hindi)

निष्कर्ष:

एकाग्र मन होने पर ही एक Student परीक्षा में अच्छे अंकों से उतीर्ण होता है | हर एक सफल व्यक्ति अपने हर कार्य को एकाग्रता से ही करता है, उसे फिर चाहे लोग उसकी प्रशंसा करें या निंदा, वह अपने कार्य को आत्मविश्वास (Self-confidence) से तब तक करता है जब तक वह पूर्ण नहीं होता | चाहे पढ़ाई हो, बड़ा व्यापार हो, रस्सी पे चलने जैसा करतब दिखाना हो या मिट्टी के बर्तन बनाना हो, कोई भी कार्य एकाग्रता (Concentration) के बिना असंभव ही प्रतीत होता है |


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Young Entrepreneurs in India

कर्सनभाई पटेल, निरमा पाउडर के जनक

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सबकी पसंद निरमा। वाशिंग पाउडर निरमा… निरमा

करसनभाई पटेल भारत के सफल उद्योगपति, निरमा समूह के संस्थापक हैं। इन्‍होंने अकेले के दम पर खड़ी की 600 Million Dollar की Company.

सौंदर्य प्रसाधन, साबुन, डिटर्जेंट, नमक, सोडा ऐश, प्रयोगशाला और चिकित्सकीय इंजेक्टिबल्स आदि का निर्माण करता है निरमा समूह।

कर्सनभाई पटेल का जन्‍म 13 अप्रैल 1944 को गुजरात राज्‍य के मेहसान शहर में एक किसान के घर पर हुआ था। कर्सनभाई पटेल ने 21 वर्ष की आयु में रासायन शास्‍त्र में BSC की पढ़ाई पूरी की। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक प्रयोगशाल में सहायक के तौर पर कार्य करने लगे, उसके बाद गुजरात सरकार के खनन और भूविज्ञान विभाग में कार्य किया।

कर्सनभाई पटेल ने अनुभव किया की वाशिंग पाउडर में व्‍यापार के लिए अच्‍छा विकल्‍प है क्‍योंकि भारत में ज्‍यादातर वाशिंग पाउडर विदेशी बाजार के थे जो बहुत मंहगे थे। 1969 में उन्होंने अपने घर के पिछे अपनी बेटी के नाम से Nirma Company की शुरूआत की।

कर्सनभाई पटेल ने शुरूआत में साइकिल पर वाशिंग पाउडर को बेचना शुरू किया, कर्सनभाई पटेल अपनी Job से लौटते समय अपने साइकिल से घर-घर जाकर अपना बनाया हुआ वाशिंग पाउडर बेचा करते थे।

शुरूआत में कर्सनभाई पटेल ने वाशिंग पाउडर की कीमत 3 रूपए प्रति किलोग्राम रखी। उस समय अन्‍य वाशिंग पाउडर की कीमत 30 रूपए किलोग्राम थी।

कर्सनभाई पटेल को रासायन का अच्‍छा ज्ञान होने के कारण लोग इस सस्ते और अच्छे निरमा वाशिंग पाउडर को ही खरीदने की इच्छा रखने लगे। धीरे-धीरे निरमा भारत के Top Brands में आ गया। और सस्‍ता होने के कारण बाजार में आपनी जगह बनाने लगा।

Read also: अवसर (Opportunity) को तुरन्‍त पकड़ने वाले ही सफल होते हैं।

निरमा वाशिंग पाउडर के बाद कर्सनभाई पटेल ने निरमा Beauty Soap, Premium Powder और Super Nirma Detergent जैसे उत्‍पादों को बाजार में उतारा।

कर्सनभाई पटेल ने निरमा Shampoo और Toothpaste भी बनाया लेकिन यह बाजार में चल न सका। निरमा समूह ने शुद्ध नाम का नमक भी बाजार में उतारा जो की सफल भी रहा। आज बाजार में निरमा वाशिंग पाउडर 35% और निरमा साबुन की लगभग 20% की हिस्‍सेदारी हैं।

1990 के दशक में निरमा एक बहुत ही प्रसिद्ध Brand बन गया। Soap और Detergent बाजार में अन्य बड़े और Competitive Brands के होते हुए भी निरमा की सफलता का श्रेय इसकी गुणवत्‍ता को जाता हैं।

करसनभाई पटेल ने अपने आपको देश में स्थापित करने के बाद विदेशी बाजार की तरफ अपना कदम बढ़ाया और बांग्लादेश, चीन, अफ्रीका और एशिया की तरफ अपना रूख किया।

करसनभाई पटेल ने 2007 में अमेरिका में ”सीर्लेस वैली मिनरल्स इंक” का अधिग्रहण किया और दुनिया के शीर्ष सोडा ऐश निर्माताओं में शामिल हो गए।

सन 1995 में करसनभाई पटेल ने अहमदाबाद में ‘निरमा इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की और उसके बाद एक प्रबंधन संस्थान की भी शुरूआत की। बाद में दोनों संस्थान ‘निरमा यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ के अंतर्गत आ गए। इन संस्थानों को ‘निरमा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन’ द्वारा संचालित किया जाता हैं।

करसनभाई पटेल को कई सम्‍मान से भी नवाजा गया हैं, उन्‍हें दो बार Soaps और Detergent के विकास परिषद के अध्यक्ष के तौर पर चुना गया, और गुजरात Detergent Manufacturers Association के अध्यक्ष बनाये गए साथ ही नई दिल्ली के Small Industries Association द्वारा उद्योग रत्न की उपाधि से भी सम्‍मानित किया गया हैं। 1990 में ‘उत्कृष्ट उद्योगपति’ के सम्मान से भी नवाज़ा गया। करसनभाई पटेल को 1998 में गुजरात व्यवसायी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2001 में उन्हें Florida Atlantic University, Florida, USA, द्वारा मानद Doctorate की उपाधि से सम्मानित किया गया।

आज कर्सनभाई पटेल 600 Million Dollar से ज्यादा के मालिक है। एक आदमी से शुरू की हुई Nirma Company में आज 14,000 लोग काम करते है।

– Achiseekh

जॉर्ज ईस्टमैन ‘कोडक’ कम्पनी के संस्थापक

प्रेरणाप्रद व्यक्तित्व : Insipiring Man

आवश्यक नहीं कि मनुष्य साधन सम्पन्न परिस्थितियों में उत्पन्न होने पर ही प्रगति कर सके। अमेरिका का जार्ज ईस्ट मैन कम पढ़ा होने से चपरासी की नौकरी करने के लिए बाधित हुए। दिन भर दफ्तर के काम में जुटा रहता और रात को कई-कई घन्टे जगकर फोटोग्राफी का सिद्धान्त समझने और उसके प्रयोग करने में लगा रहता। जो इस विषय में उसका मार्गदर्शन कर सकते थे उन्हें ढूँढ़ने और उलझनों के हल पूछने में प्रयत्नशील रहता, संपर्क बनाता रहता ।

लगन और मेहनत उसे सफलता की दिशा में अग्रसर करती ले गई। उसने इस दिशा में प्रवीणता प्राप्त की और विश्व विख्यात ‘कोडक’ कम्पनी का संस्थापक बना। उस कार्य में अकेला होने के कारण लाभ भी अच्छा कमा सका ।

उसने अपनी जीवन भर की कमाई दो करोड़ डालर एक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना में दान कर दी और उसी गरीबी को साथ लेकर विदा हुआ जिसे लेकर वह जन्मा था ।

Achiseekh

Young Entrepreneurs in India

समझदार लोग…..

सपने देखना न छोड़ें | Never Stop Dreaming

समझदार लोग…..

अपने देश में लोग बड़े ही निराले हैं, वेबसाईट बनवानी है तो उसको भी समझते हैं कि साग़-सब्ज़ी खरीद रहे हों….. क्या भाव दिया भैय्या?! ये ज़्यादातर ऐसे लोग होते हैं जिनको इन मामलों में चार आने की समझ नहीं होती। एक अलग तरीके का उदाहरण देखें तो मान लीजिए मारूति 800 या टाटा नैनो जैसी बजट गाड़ी चलाने वाला रॉल्स रॉयस या बेन्टली के शोरूम में चला जाता है तो वो वहाँ क्या पूछेगा? कितना माईलेज देती है भैय्या? :D इसी तर्ज़ पर एक विज्ञापन भी बना था, शायद मारूति का ही।

हुआ यूँ कि एक समूह में किसी ने वेबसाईट डिज़ाईनर का रेफ़रेन्स माँगा, एक मित्र ने किसी व्यक्ति का नाम सुझा दिया। खरीददार ने सप्लायर से पूछा कि भई कोई सैंपल दिखाओ तो उसने दिखा दिया। अब खरीददार ने पूछा क्या भाव तो सप्लायर ने बोला कि आपको क्या चाहिए यह समझे बिना भाव नहीं बता सकते। खरीददार अड़ गया, बोला कि वो सब छोड़ो आप ऐसे ही आईडिया दे दो बस। सप्लायर को लगा कि ये बंदा समय बर्बाद करेगा (ठीक भी है ऐसे लोगों के साथ काम करना बहुत आफ़त वाला काम होता है ऐसा मैं अपने निजि अनुभव से कह सकता हूँ) तो उसने हाथ जोड़ दिए कि माफ़ करो जनाब हम ऐसे काम नहीं करते। अब तो खरीददार को लगा कि उसकी तो बेइज़्ज़ती हो गई तो उसने सप्लायर को सरेआम अहंकारी, नामाकूल, कमीना आदि शानदार अलंकारों से नवाज़ दिया। :twisted:

आगे क्या हुआ? एक मोहतरमा ने अपनी सेवाएँ ऑफ़र करी, खरीददार ने फिर वही पूछा। मोहतरमा ने कहा कि आप संपर्क करने की जानकारी उपलब्ध कराएँ तो अपनी कंपनी का प्रोफाईल और कुछ सैंपल भेज दिए जाएँ। खरीददार इसमें खुश। हालांकि मोहतरमा ने भी यही दोहराया कि बिना खरीददार की आवश्यकता समझे भाव नहीं बताया जा सकता लेकिन इसमें खरीददार को कोई आपत्ति नहीं अब। पहले वाले सप्लायर ने जब यह कहा था तो वह अहंकारी और नामाकूल था! :roll:

सबक: जैसा कि श्रीमान काटजू ने कोई दो वर्ष पहले कहा था, 90% भारतीय मन्दबुद्धि/मूर्ख होते हैं। :D

सपने देखना न छोड़ें | Never Stop Dreaming

हर मनुष्य अपनी आंखों में सुंदर सपने सजाता है और उन्हें पूरा करने की भरपूर कोशिश करता है । जीवन में Success इन्हीं Dreams के आधार पर मिलती है । सपने देखने की कोई उम्र नहीं होती और व्यक्ति जब तक सपनों को मूर्त रूप देने का प्रयत्न करता रहता है, तब तक उसका जीवन सफलता के सोपानों पर अग्रसर होता रहता है । लेकिन हमारे देश में 35 – 40 वर्ष की उम्र बीतते ही लोग सपने देखने में विराम लगाने लग जाते हैं । वे सोचने लगते हैं कि वे जो बनना चाहते थे, बन गए । जो सीखना चाहते थे, सीख गए, अब और सीखने से क्या फायदा? अब और कुछ बनने के लिए जिंदगी नहीं बची । अब जो बन गए हैं, उसी राह पर आगे बढ़ना होगा ।

ऐसी Negative Thinking रखने वालों के जीवन में विकास का मार्ग अवरुद्ध(Block) हो  जाता है । इसके अतिरिक्त कई लोग ऐसा भी नकारात्मक सोचने लगते हैं कि जिंदगी में वो जो बनना चाहते थे, नहीं बन पाए, जो सीखना चाहते थे, नहीं सीख पाए, अब कुछ और बनने व सीखने की उम्र ही नहीं बची । इस तरह 35 – 40 उम्र के पार जाने वाले लोगों को यह लगने लगता है कि अब उनकी जिंदगी में कुछ नया होगा ही नहीं, कुछ भी नया करने के लिए अब बहुत देर हो गई है । हमारे आगे बढ़ने के रास्ते भी बंद हो गए हैं । शरीर और मन की उर्जा भी अब पहले की तरह साथ नहीं है ।

लेकिन यदि कोई अपने जीवन में कुछ करने की ठान ले, तो उम्र उसके कार्य में बाधा नहीं बनती और शरीर की ऊर्जा उसके कार्य में रुकावट नहीं डालती; क्योंकि उसका निश्चय(Determination) मन से होता है, मन की शक्ति से होता है । इसलिए हर रुकावट को, हर मुश्किल व परेशानी को उसके आगे झुकने के लिए मजबूर होना पड़ता है । इसी मन की शक्ति के कारण Leonardo da Vinci ने अपनी एक Famous Painting “Monalisa” 51 साल की उम्र में बनाई, और यह उनके जीवन में सबसे अधिक प्रशंसित हुई ।

इसी प्रकार प्रखर व्यक्तित्व Nelson Mandela अपने जीवन में लंबा संघर्ष करते रहे और 75 साल की उम्र के बाद वे South Africa के राष्ट्रपति बने । यदि ये लोग अपनी उम्र व शरीर की कमजोर पड़ती Energy की और निहारते, Negative सोचते तो शायद इतनी अधिक उम्र में कोई विशेष Success हासिल न कर पाते । भारतीय संस्कृति के प्रसिद्ध संवाहक गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी 90 वर्ष की उम्र में रामचरित मानस को लिखना प्रारंभ किया था । इसी तरह जीवन के विविध आयामों में अनेक ऐसे चेहरे हैं, अनगिनत उदाहरण हैं, जिनके सपनों ने लंबे Struggle के बाद Success का स्वाद चखा ।

British Novelist व कवि सी.एस.लुई का कहना था कि हम कभी इतने बूढ़े नहीं होते कि नए लक्ष्य न बना सकें, नए सपनों को न देख सकें; क्योंकि हमारे सामने लक्ष्य बनाने व सपने देखने में कोई रुकावट नहीं है । इसलिए उनसे दूर भागने के बजाय हम उनके लिए तैयार हों । यदि हम ही आगे बढ़ने, लक्ष्य तय करने व सपने देखने से मना कर देंगे, तो कोई भी हमें इसके लिए तैयार नहीं कर सकेगा । स्वयं के जीवन में आगे बढ़ने के लिए, कुछ करने के लिए हमें स्वयं ही तैयार होना होगा । बाहरी जगत से हमें इसके लिए Inspiration मिल सकती है, लेकिन अपने अंतर्मन(Conscience) को हमें स्वयं प्रेरित(Self-Motivated) करना होगा और इसके लिए प्रयास भी स्वयं ही करने होंगे ।

जिंदगी को बेहतर बनाने की संभावना सदैव होती है, बस, हमें इस और बढ़ने की जरुरत है । इसके लिए सबसे पहले अपने बारे में यह जानना जरूरी है कि हम क्या चाहते हैं? यह स्पष्ट रूप से जानने मात्र से हम अपनी आधी मंज़िल तय कर लेते हैं । जीवन में उद्देश्य व दिशा निर्धारित हो जाने के बाद जो हम चाहते हैं, उसे प्राप्त करने के लिए, उस तक पहुँचने के लिए उपयुक्त योजनाएँ बनानी चाहिए ।

अपनी कार्ययोजना को छोटे-छोटे लक्ष्यों में विभाजित करें और फिर योजना के अनुसार कार्य करें । इसके साथ ही अपनी कार्यकुशलता(Work Efficiency) को भी बढ़ाएं । अपनी कमियों को पहचाने और उन्हें दूर करने की यथासंभव कोशिश करें । जो भी निर्धारित कार्य के Expert हैं, उनसे भी समय-समय पर सलाह व परामर्श लेना हमारी प्रगति(Progress) को दोगुना कर देता है, हमारी कमियों को उजागर करता है, जिन्हें दूर करके हम ज्यादा अच्छे ढंग से आगे बढ़ सकते हैं ।

जिंदगी में कुछ ऐसे कार्य हैं, जिनके लिए उम्र कभी बाधा नहीं बनती, जैसे – पढ़ाई शुरू करने के लिए, Careerमें बदलाव के लिए, रिश्तों में सुधार के लिए, Famousऔर सफल बनने के लिए, अपनी बुरी आदतों से छुटकारा पाने के लिए, अच्छी आदतें(Good habits)सीखने के लिए, कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए, अपने Dreams को पूरा करने के लिए, स्वयं में सुधार(Self Improvement) लाने के लिए, दुनिया की सैर करने के लिए आदि । इसलिए इन कार्यों में से कोई भी कार्य चुना जा सकता है और अपनी जिंदगी को एक अच्छी दिशा दी जा सकती है ।

यह ध्यान रखना चाहिए कि Dreams देखने के लिए, उसमें Success पाने के लिए उम्र की जरुरत नहीं होती, हमारी इच्छाशक्ति की, हमारी जरुरत होती है । हमारी परिस्थिति और बीता हुआ कल भी इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता, यदि हम इन्हें पूरा करने की ठान लें । महान वैज्ञानिक एवं भूतपूर्व राष्ट्रपति A.P.J Abdul Kalam भी यही कहते थे कि “जिंदगी में सपने देखना न छोड़ें ।” ऐसे ही किसी Famous Philosopher ने कहा है – “जीवन में कोई तब तक बूढ़ा नहीं होता, जब तक वह अपने सपने पूरे करने में लगा रहता है । जब उसके सपने मरते हैं, अधूरे रह जाते हैं, वह भी असहाय महसूस करता है । इसलिए हमेशा सपने देखते रहें(Keep Dreaming) और अपने Dreams को कभी मरने नहीं देना चाहिए, इन्हें हमेशा जीवित व जीवंत रखना चाहिए; क्योंकि आँखों में सजे हुए सपने ही हमारी आशाओं के स्त्रोत हैं ।”

  • पांच कदम अपने सपनों की ओर

प्रिय मित्रों हमें आशा है की आपको हमारा यह Keep Dreaming Hindi Motivational Article बहुत – बहुत पसंद आया होगा और आप इस Hindi Article को पढ़ के बहुत प्रेरित और उत्साहित हुये होगें ।  हमारी सभी पाठकों के लिए शुभकामनाएं है  की आप हमेशा नए – नए सपने देखते रहें, सपने साकार करते रहें और सफलता की नई ऊँचाइयों को पार करते रहें. धन्यवाद ।

How to Overcome Failure | कैसे विफलता पर काबू पाए और सफलता हासिल करे

अगर आपने हाल ही में Failure का सामना किया है तो हम समझ सकते है की आपकी मानसिक अवस्था क्या होगी ।
आपका सर घूम रहा होगा और आपके विचार बहुत ही नेगेटिव होंगे, मन में कई हज़ारों सवाल खड़े हो रहे होंगे जैसे की यह मेरे साथ ही क्यों हुआ? मेरे साथ ही हर बार ऐसा क्यों होता है? मेरी तो किस्मत ही खराब है, इस तरह के हजारों सवाल और दूर – दूर तक अंधेरा ही दिख रहा होगा ।
लेकिन अभी के लिए सभी चिंताओं को छोड़ दे और पूरे दिल से इस लेख को पढ़िए क्योंकि इस लेख में हम शेयर कर रहे बहुत ही महत्वपूर्ण बातें जो आपके Failure के सिरदर्द को गायब कर सफलता के लिए नया जोश, उत्साह और प्रेरणा की नई साँसे आपके अंदर भरेगा ।
आइए तो शुरू करते है 5 ऐसी बातें जो आपके Failure नाम के रोग को दूर करने के लिए दवाई की तरह उपयोग करनी है ।

1 – Take Rest (छोटा-सा रेस्ट ले)
जैसे की हमने ऊपर बताया की अगर आपने हाल ही में Failure का सामना किया है तो आपका सिस्टम बहुत ही तेज़ चल रहा होगा और आप बहुत ही तनाव में होंगे ।
लेकिन अगर आप कोई समाधान चाहते है तो आपको इस परिस्थिति से बहार आना होगा मतलब की आपको आपके सिस्टम को थोड़ा शांत, धीमा करना होगा, आपके मन के विचारों पे लगाम लगाकर शांत होना होगा और इसके लिए यह बहुत ही जरूरी है की आप एक छोटा-सा रेस्ट ले ।
रेस्ट का मतलब है की आपको इस शोर – शराबे से अपने आपको दूर करना है और आपको ऐसी जगह जाना है जहाँ सिर्फ आप अपने साथ हो और आप अपने दिल की बातें सुन पाए, आप खुद को खुद की नजरों से देख पाए और आकलन कर पाए ।
कोशिश करे की आप थोड़े समय के लिए लोगों से कट कर प्रकृति के साथ जुड़े क्योंकि प्रकृति से आपको ऊर्जा और शांति मिलेगी जिससे आपके अंदर की थकावट कम होगी और आपका सिस्टम भी धीमा होगा ।
यह रेस्ट आपके मानसिक स्वस्थता प्राप्त करने के लिए बेहद जरूरी है इससे आप फिर से तरोताजा महसूस करेंगे और यह रेस्ट वाला स्टेप आपके आगे के स्टेप लेने में भी मदद करेगा ।

2 – Analyze Failure (विफलता का विश्लेषण करें)
अगर आपने पहले स्टेप को अनुसरण कर लिया है तो तकरीबन आपका सिस्टम धीमा, शांत हो गया होगा और अब आप अपने Failure की समीक्षा करने के योग्य स्थिति में पहुँच गए है ।
अब आपको अपने फेलियर की खुले दिल से समीक्षा करनी है इसके लिए पेन और नोटबुक लेकर लोगों से दूर एकांत जगह पर चले जाए, वहाँ जाकर थोड़ी देर के लिए आखें बंद कर शांति से बैठ जाए फिर धीरे – धीरे अपनी योजनाओं (plans) को देखे की आपने क्या सोचकर काम का आरंभ किया था? कैसे प्लान्स बनाए थे? किस ऊर्जा के साथ आगे बढ़े थे? कौन सी वजहें थी जिससे आपके प्लान्स fail हुए? किस कारण आपको आपका मन चाहा परिणाम नहीं मिला? ऐसे शुरू से अंत तक आपको सभी बातें सोचनी है और जो भी महत्वपूर्ण पॉइंट लगे इसे नोटबुक में लिखते रहना है ।
अब आपके सामने पूरा प्लान खुला हुआ है, आप खुले दिल से देखे की कौन – कौन सी आपकी गलतियाँ थी जिससे आपको Failure का मुँह देखना पड़ा ।
अपनी सभी गलतियों की लिस्ट बना लीजिए और फिर देखिये की अभी इसमें से ऐसी कितनी गलतियाँ है जिसे अभी भी आप सुधार सकते है और अगर आप अभी भी सुधार सकते है तो अभी से लग जाए अपनी गलतियों को सुधारने के काम में ।

3 – Understand Failure and Focus on Learning (विफलता को समझे और सीखने पर ध्यान केंद्रित करे)
समझ लीजिए कि फेलियर अंत नहीं है, यह एक नई शुरुआत है ।
अब आपका सिस्टम भी शांत है और आपने अपनी गलतियाँ भी पकड़ ली है तो अब बारी है हमारे Failure को समझने की ।
आपके हाथ में जो था वो आपने अब तक बेस्ट कर लिया जैसे गलतियाँ भी पकड़ी और उसे सुधारने की कोशिश भी की और अब हमें अपने Failure को और गहराई से जानना है ।
हमेशा याद रखे fail आपके प्लान होते है आप नहीं ।
हम जब तक चलते रहते है, जब तक हार नहीं मानते तब तक हम कभी fail नहीं है, अगर आज आपने Failure का सामना किया है तो वो आपके प्लान्स की नाकामयाबी है आपकी नहीं, आप फिर से अपने नए प्लान के साथ आगे बढ़ सकते है और बेहतर परिणाम पा सकते है । ऐसा कई लोगों ने किया है और यह बहुत ही आसान है ।
फेलियर का मतलब आपका अंत नहीं है बल्कि आपकी नई शुरुआत है अपने नए अनुभव के साथ ।
फेलियर कोई अंतिम लक्ष्य या श्राप नहीं है वो तो सफलता (Success) के रास्ते में आने वाला एक छोटा-सा भाग है इसलिए बार – बार फेलियर के बारे में सोचकर खुद को नीचे ना गिराए, खुद को अपराधी या दोषी ना साबित करे बल्कि फेलियर को समझकर आगे बढ़े ।
अगर आप बारीकी से देखेंगे तो आपको समझ आजायेगा की विफलता तो एक मात्र इशारा भर है सफलता की तरफ और मजबूती से आगे बढ़ने के लिए इसलिए बिना घबराहट आगे बढ़े ।

4 – Move Forward and Try again (आगे बढ़े और फिर से कोशिश करे)
अब तक आपने अपनी गलतियाँ भी जान ली है और इससे आपने बहुत सिख भी लिया है, अब बारी है फिर से नई शुरुआत की, फिर से नए प्लान्स बनाने और उसपर काम करने की ।
अपने इस नए अनुभव का उपयोग कर के नए प्लान गठित करे और कैसे आगे बढ़ना है, कैसे समस्याओं का सामना करना है और अगर फिर से आपके प्लान्स काम नहीं कर रहे तो इस स्थिति से कैसे निपटना है यह सब आप सोच, समझ और अनुभव का उपयोग कर के प्लानस बनाए ।
फिर पूरे जोश, ऊर्जा और अपने अनुभव के साथ काम पर लग जाइए और भरोसा रखे बेहतरीन दिन, परिणाम आने वाले है ।
The Best is Yet to Come.
5 – Improve and Inspire Your self (अपने आप में सुधार और अपने आपको प्रेरित करे)
अब आपकी मानसिक अवस्था बहुत ही मजबूत औरसकारात्मक (Positive) होगी लेकिन फिर भी कुछ ऐसी आदतें (Habits) है जिसे हमे अपने जीवन में अपनाना चाहिए जिससे आप हर दिन सकारात्मकता और ऊर्जा से भरे रहे चाहे आपके प्लान काम करे या ना करे चाहे आप सफलता अर्जित करे या ना करे लेकिन आपका मन हमेशा खुश और सकारात्मक रहेगा और यही बुनियादी सफलता है ।
Self–belief (आत्मविश्वास)
खुद पे यकीन रखे आप जो भी हो, आप जो भी कर रहे हो आप इसमें सबसे बेस्ट है, आप में वो काबिलियत है जिससे आप अपने सभी सपनों को साकार कर लेंगे ।
आप में वो हर हुनर, काबिलियत है जो एक सफल व्यक्ति में होनी चाहिए इसलिए कभी भी अपने आप को किसी से कम या छोटा मत मानो, आप में, मेरे में,Sandeep Maheshwari में और Narendra Modiमें सब में एक ही ऊर्जा है, एक ही शक्ति है बस फर्क है तो चाहना (desire) और समर्पण (dedication) का बस आप भी अपने desire चुन ले और काम में अपने आपको पूर्ण समरपित कर दीजिए और कल लोग सफलता के लिए आपका ही उदाहरण देंगे ।
Read Positive Books (सकारात्मक किताबें पढ़ें)
यह बहुत ही जरूरी है अगर आप अपने अंदर से Positive होना चाहते है तो Books पढ़ने को अपनी रोज़ाना आदतों में शामिल कर लो ।
रोजाना कुछ अच्छी Positive Books पढ़े इससे आपको अंदरूनी शक्ति, ऊर्जा और ज्ञान प्राप्त होगा और सही ज्ञान से आपके अंदर का डर ख़तम हो जायेगा और नया आत्मविश्वास (Self-confidence) प्रज्वलित होगा ।
Do Meditation Regular (हररोज ध्यान करे)
यह एक और आसान और शक्तिशाली तकनीक है जिसके जरिये आप अपने अंदर के अंधेरे को ख़तम कर के आध्यात्मिक उजाले की और आगे बढ़ सकते है जिसके जरिए आप सुख, शांति और संपूर्णता प्राप्त कर सकते है ।
यह मेरी सबसे पसंदीदा आदतों में से एक है आप भी इसे अपने जीवन में अपनाए और इससे आपके अंदर एक दिया प्रज्वलित होगा जो आपका हर अंधेरे में दिशा निर्देश करेगा ।
Become Friend to Yourself (खुद के अच्छे मित्र बन जाए)
खुद को खुद से ज्यादा ना कोई जान सकता है और ना ही कोई समझ सकता है ।
इसलिए खुद के अच्छे मित्र बन जाए, खुद से बातें करना सीखें, खुद को ही सवाल करे और खुद से ही जवाब मांगे और जब अंदर से जवाब मिलने शुरू हो जायेंगे तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको ना तो नकारात्मक कर पाएगी और नहीं परेशान ।
प्रिय मित्रों हमारा काम यही तक था की आपके सामने सही और आसान बातें रखे, जो आपकी मुश्किलों को तोड़ कर आपको एक हौसला दे, उम्मीद दे और प्रेरणा दे अब आपकी बारी है की आप इसे अपने जीवन में कैसे अपनाते है और इसका किस तरह का फायदा प्राप्त करते है ।
प्रिय मित्रों आप यह जरूर खयाल रखे की कोई कितना भी बड़ा शानदार प्लान हो लेकिन जब तक उस परAction नहीं लेते वो बेकार है इसलिए हमने तो अपनी तरफ से एक शानदार लेख आपके सामने रख दिया है अब Action लेने की बारी आपकी है ।
प्रिय मित्रों आपको हमारा यह लेख How to overcome Failure and achieve Success कैसा लगा और आपके सुझाव कृपया comment के माध्यम से जरूर बताइयेगा, धन्यवाद ।

पिता कभी करते थे मजदूरी, बेटे ने बिजनेसमैन बन खड़ी की अरबों की कंपनी

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पिता कभी करते थे मजदूरी, बेटे ने बिजनेसमैन बन खड़ी की अरबों की कंपनी

कहते हैं किसी भी बिजनेस को सक्सेस दिलाने के लिए पैसा जरूरी नहीं होता। एक यूनीक आइडिया और कड़ी मेहनत भी आपको सफल बना सकती है। केरल में एक शख्स ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। जी हां, एक मजदूर के बेटे ने कुछ साल पहले महज 25 हजार रुपए से खुद की कंपनी शुरू की और आज उसका टर्नओवर 100 करोड़ के पार पहुंच चुका है। हम बात कर रहे हैं केरल के वयनाड के रहने वाले पीसी मुस्तफा की। वे मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे समेत दुबई में ‘रेडी टू कुक पैकेज्ड फ़ूड’ का सफल कारोबार कर रहे हैं। जाने कैसे एक आइडिया से बन गए करोड़पति…

– मुस्तफा कहते हैं कि वे बिजनेसमैन बनेंगे ये कभी सोचा तक नहीं था। इंजीनियरिंग में नाम कमाना चाहते थे। इसी बीच एक दिन भाई शमसुद्दीन ने एक स्टोर पर रबर बैंड से पैक पन्नी में इडली-डोसे का घोल बिकते देखा। उन्होंने ऐसे घोल के पैक बनाकर सप्लाई करने का आइडिया दिया।

बचपन में छोड़नी पड़ी थी पढ़ाई…
– मुस्तफा ने अपने बारे में बताया, “उनके पिता एक मज़दूर थे और उन्हें छठवीं क्लास में पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी।” उनके टैलेंट की वजह से टीचर मैथ्यू ने उन्हें पढ़ाई जारी रखने को कहा, पर वे छठवीं में फेल हो गए थे। इसके बाद पीसी ने हर क्लास में टॉप किया। कोलकाता से इंजीनियरिंग करने के बाद उन्हें कई मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करने का मौका मिला।

नौकरी के बाद आईआईएम से किया MBA

करीब 7 साल तक एमएनसी में नौकरी करने के बाद पीसी भारत लौटे। आईआईएम में एडमिशन पाना आसान नहीं, पर उन्होंने एमबीए करने की ठानी और आईआईएम बेंगलुरु में एडमिशन लिया। मैनेजमेंट की पढ़ाई के दौरान ही उनके दिमाग में यह बिजनेस आइडिया आया। जो आगे चलकर एक ग्लोबल कारोबार में तब्दील हुआ।

1000 करोड़ के टर्नओवर का लक्ष्य
– सिर्फ 25,000 रुपयों से ‘पैकेज्ड इडली और डोसा के रेडी टू मेक’ बनाने वाली कंपनी ‘आईडी’ शुरू की। शुरुआत में वे खुद 20 स्टोर्स जाकर रोजाना 100 पैकेट की डिलिवरी करते थे। वक्त के साथ उनका बिजनेस बढ़ता चला गया और आज कंपनी का टर्नओवर 100 करोड़ के पार हो चुका है। मुस्तफा अगले पांच सालों में कंपनी का टर्नओवर 1000 करोड़ तक पहुंचाना चाहते हैं।
– आज उनकी कंपनी में एक हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं।

5-6 साल में 5,000 लोगों को रोजगार देने का है लक्ष्य

– मुस्तफा अपनी 100 करोड़ की आईडी कंपनी को पांच से छह साल 1,000 करोड़ रुपए की कंपनी बनाना चाहते हैं।
– अाज वह 1,100 को रोजगार दे रहे हैं। पांच-छह साल में उनका लक्ष्य कम से कम 5,000 लोगों को रोजगार देने का है। ऐसी है इनकी फैमिली| मुस्तफा कहते हैं, मैं एक छोटे से गांव चेन्नालोड में बड़ा हुआ। वे सिर्फ ग्रामीण युवाओं को ही नौकरी देते हैं।
– भाई-बहनों में सबसे बड़ा था, तीन छोटी बहनें। उनके चार चचेरे भाइयों – नासेर, शमसुद्दीन, जफर, नौशाद ने साथ दिया।

Habits Of Successful People :सफल लोगो की ८ आदतें

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दोस्तों ! क्या आपने कभी सोचा है की एक औसत व्यक्ति और एक सफल व्यक्ति में क्या फर्क होता है. अगर नहीं तो मैं बताता हूँ, एक सफल और एक सामान्य व्यक्ति में बहुत बड़ा अंतर होता है – आदतों (Habits) का. वे हमारी आदते ही होती है जो हमें सफल या असफल बना सकती है. इस पोस्ट में आज हम आपके साथ सफल लोगो की 8 अच्छी आदते शेयर कर रहे हैं जो सफल लोगो को एक सामान्य व्यक्ति से अलग बनाती है.

आप किसी भी Successful Person के बारे में जाने तो आप पाएंगे की उनकी आदते सामान्य लोगो से कुछ अलग होती है. जिस कारण वे सफल होते जाते है वही एक Average Person हमेशा ही आलस में डूबा रहता है व खुद की बुरी आदतों को नहीं बदलता.
उसे अगर कुछ अच्छी आदतों के बारे में बताया भी जाए तो भी उसे अपनाता नहीं. इसी वजह से वह सफल नहीं हो पाता. तो आगे आप पढ़िए सफल लोगो की 8 अच्छी आदते जो उन्हें बनाती है Successful

👍 सुबह जल्दी उठना
सफल लोगो की आदतों में यह आदत सबसे ऊपर रहती है. सफल लोग हमेशा सुबह जल्दी उठ जाते है. सुबह जल्दी उठने से उनका दिन हमेशा बड़ा होता है जिससे उनके पास किसी काम को करने के लिए जादा समय होता है. सुबह जल्दी उठकर सफल लोग अपने दिन की एक नयी शुरुआत करते है और जो दिनभर के उनके कम होते है उन्हें सुबह उठने के बाद अपनी योजना के हिसाब से पूरा करते है.

अगर आपका देर रात को कोई काम नहीं होता तो जल्दी सोने की कोशिश करे और सुबह जल्दी उठने की आदत बनाये. सुबह जल्दी उठने से आपको इसके फायदे नजर आने लग जायेंगे. सुबह जल्दी उठने से आपका स्वास्थ्य अच्छा होगी, आपके पास पूरे दिन में अतिरिक्त समय होगा, आप अपने दिनभर के काम को आसानी से पूरा कर सकते हो. इसलिए आज से ही यह मन बना ले की कल से जल्दी उठने की आदत डाल लूँ.

👍 हार्ड वर्क करते रहना
चाहे आप किसी भी क्षेत्र में काम करते हो, नौकरी करते हो, बिजनेस करते हो या पढाई करते हो, अगर आपने उस काम या स्टडी में सबसे बेस्ट होना है तो आपको हार्ड वर्क करने की आदत डाल लेनी चाहिए. Hard Work का मतलब होता है की उस काम से संबंधित आप लगातार मेहनत करते जाए. उस काम को सिर्फ करने के लिए मत करे बल्कि उस काम को 100% अच्छा बनाने के लिए लगे रहे.

सफल लोगो की यह आदत खास होती है वे अपने काम को हमेशा हार्ड वर्क से करते है. अपने काम में वे कभी आलस नहीं दिखाते. वे जानते है की अगर उन्होंने कड़ी मेहनत नहीं की तो वे पीछे रह जायेंगे और कुछ बड़ा नहीं कर पाएंगे.
किसी भी फील्ड से संबंधित काम को देख ले उसमे हमेशा वही No. 1 होता है जो हमेशा कड़ी मेहनत करता है. जो बिना हार्ड वर्क के काम करेगा वह सिर्फ खुद को तस्सली देने के समान है. कुछ बड़ा अचीव करने के लिए हार्ड वर्क तो करना ही पड़ेगा. अब यह आपके ऊपर है की आप क्या चाहते है.

👍 लगातार स्टडी करते रहना
लगातार स्टडी करते रहना, यह लाइन आपको कुछ बोरिंग (Boring) रही होगी. आप सोच रहे होंगे की हमेशा कौन पढता रहे. मैं यहाँ पर आपको वो स्कूल की किताबें पढने के लिए नहीं बोल रहा बल्कि मैं आपसे वह पढ़ने के लिए बोल रहा हूँ जो आपके लिए बहुत जरुरी है. एक क्रिकेटर क्या हमेशा सिर्फ प्रैक्टिस करने से महान क्रिकेटर बन जायेगा. कभी नहीं ! जब तक Cricket से रिलेटेड उसके अंदर पूरी निपुणता न आ जाए वह महान नहीं बन सकता.

एक सफल व्यक्ति हमेशा अपने काम से संबंधित व कुछ नया सीखने के लिए हमेशा कुछ न कुछ Study करते रहता है. सफल लोगो को जब भी Free Time मिलता है वे कुछ सीखने के लिए पढाई करते रहते है. जो लोग अच्छी चीजे पढ़ते रहते है वो लोग सामान्य लोगो से ज्यादा सुलझे हुए होते है.

कोई भी अच्छी पुस्तक या आर्टिकल पढने से तनाव का स्तर कम होता है जिससे लाइफ में सकारात्मक उर्जा आती है. इसलिए सामान्य व्यक्ति से अलग नजर आना है तो आज ही से कुछ न कुछ अच्छा पढना शुरू कर दे.

👍 दिमाग को शांत रखना
दिमाग को शांत रखना हर सफल इन्सान बहुत जरुरी मानता है. उनको पता होता है की अगर उनका दिमाग शांत नहीं रहेगा तो वे अपने काम व अन्य चीजो पर फोकस नहीं रख पाएंगे. खुद को शांत रखना एक बहुत बड़ा गुण है और जिसके अन्दर यह होता है वह कुछ खास होता है. हम जब भी शांत होते है तो किसी काम को बेहतर तरीके से करते है. अगर कुछ सोचना हो तो बहुत अच्छा सोचते है. जिसका रिजल्ट भी हमें बेहतर मिलता है.

कभी आप किसी सफल व्यक्ति से मिलना तब आप देखोगे की वे कितना शांत रहते है और शांति से बातचीत करते है. Successful लोग जानते है की यह सफलता की कुंजी है. खुद को शांत रखना सीखिए, यह एक दिन में नहीं आता. अपनी कोशिश करते रहिये कुछ ही दिन में आप देखोगे की आपके अंदर भी यह कला आ चुकी है.

खुद को शान्त रखने का सबसे बड़ा फायदा आपको यह होगा की जब भी आपके साथ कुछ बुरा होगा या समस्याएं आयेंगी तो आप उसका सामना और अच्छे तरीके से कर पाओगे.

👍 किसी मौके का इन्तजार नहीं करना
आप अपने काम को करने के लिए कोई मौका देखते है या उसे कर डालते है. कभी भी अपने काम को करने के लिए कोई खास मौका मत देखिये. अगर आपको लगता है की यह काम अभी करना जरुरी है तो उसे अभी करिए. उसे टालने की कोशिश मत करिए. ऐसे कई लोग होते है जो किसी काम को करने के लिए सही मौके का इंतजार करते है. उस मौके के इंतजार में वे खुद को ही धोखा देने की कोशिश करते है.

हर सफल व्यक्ति अपने जरुरी काम को करने के लिए किसी मौके का इंतजार नहीं करता. उनके लिए उस समय जो जरुरी होता है उसे कर डालते है. उनका यही Attitude उनको सफल बनाने में हेल्प करता है. आप अभी अपनी लाइफ की चाहे किसी भी स्टेज पर क्यों न हो. आपके लिए जो अभी जरुरी है उसे अभी कर दीजिये. किसी खास मौके के इंतजार में खुद को आलसी मत बनाइये.

👍 अपने फ्यूचर की प्लानिंग करना
इस दुनिया में ऐसे बहुत कम लोग होते है जो अपनी लाइफ की भविष्य की योजना तयार करते है. एक सामान्य व एक खास व्यक्ति में यह बड़ा अंतर होता है. सामान्य व्यक्ति कभी भी अपनी लाइफ में कोई फ्यूचर प्लानिंग नहीं करता. और कुछ सालो में वह देखता है की उसकी लाइफ में भटकाव आ चुका है. उसको अपने हालातो पर विश्वास नहीं होता. ऐसे लोग उस मुसाफिर की तरह होते है जिसको अपनी यात्रा का कुछ भी अंदाजा नहीं होता की उसे आखिर कहाँ पहुँचना है.

वही सफल लोग इस आदत में एक्सपर्ट होते है वे जो कुछ भी अपनी लाइफ के साथ करते है उसकी पहले प्लानिंग करते है. उनका हर कदम उनकी सोच का परिणाम होता है. वे कुछ भी काम युही नहीं करते बल्कि उस काम का रिजल्ट देखकर उस काम को करते है.

वे अपने फ्यूचर की प्लानिग करते है और फिर जी–जान से अपने फ्यूचर को बनाने में लग जाते है. आप भी खुद को सफल लोगो की तरह बनाये और भविष्य की योजना जरुर करे. जो भी करते हो पहले उसका रिजल्ट भी देख ले.

👍 फिट व स्वस्थ रहना
एक इन्सान के लिए फिट व हेल्थी रहना बहुत जरूरी है. जो फिट नहीं है वह हिट नहीं है. बिना स्वस्थ रहे आप कुछ भी बड़ा अचीव करने की सोच भी नहीं सकते. आपकी सफलता के पीछे आपके स्वास्थ्य का अहम रोल होता है. एक हेल्थी शरीर से आपके काम करने की पॉवर, प्रदर्शन, प्रोडक्टविटी व आपका माइंड भी स्वस्थ रहता है. जो आपको स्पेशल बनाता है.

सफल लोग अपने स्वास्थ्य को सबसे अधिक प्राथमिकता (Priority) देते है. वे जानते है की बिना बेहतर स्वास्थ्य के वे सफल नहीं बन सकते. अपने डेली बिजी लाइफ में से वे अपने स्वास्थ्य के लिए समय निकाल ही लेते है. वे रोजाना व्यायाम करते है और स्वयं के खानपान पर ध्यान देते है.

उनका हर पल साथ देने वाला स्वास्थ्य ही उनको सफलता दिलाता है और अपने काम में दक्ष बनाता है. तो आप भी अपने डेली रूटीन में हेल्थ को महत्व दे और रोज व्यायाम करे.

अधिकांश लोग अपनी लाइफ में इसलिए कुछ नहीं कर पाते क्योंकि वे सोचते है की उनके ऐसा करने पर दुसरे लोग क्या सोचेंगे. कोई इंजीनियरिंग छात्र कॉलेज पूरा होने के बाद अपना बिजनेस करने का मन बनाता है और दुसरे लोग क्या सोचेंगे इस बात के कारण वह बिजनेस शुरू नहीं करता तो यह उस इंसान की लाइफ की सबसे बड़ी मिस्टेक बन जाती है.

आप क्यों दुसरो की चिंता करते है की वे क्या सोचेंगे. अरे आपकी लाइफ है आपका जो मन है वो करे. दुसरे लोग तो कुछ अच्छा करने पर भी कुछ कमियाँ निकाल ही देते है. सफल लोग कभी भी इसकी परवाह नहीं करते की लोग उनके बारे में क्या सोचते है. वे अपने काम अपने लक्ष्य पर ध्यान देते है और उसे अच्छी तरीके से करने में विश्वास रखते है. उनको बिलकुल भी फर्क नहीं पड़ता की उनके बारे में लोग क्या बोल रहे है. उनके लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं, वे सिर्फ वही जानते है. उनको पता है कोई दूसरा अपने लाइफ के अनुभव से उनकी लाइफ को नहीं बदल सकता.

उनको अपने काम से प्यार होता है और अपने काम में सफलता हासिल करना ही उनका प्रमुख लक्ष्य होता है. बाकि फ़ालतू चीजो की ओर वे ध्यान भी नहीं देते. इसलिए अब आप भी मत सोचे की लोग क्या कहेंगे. अगर आप कुछ कर रहे है तो लोगो की चिंता छोड़ दीजिये.

दोस्तों ! इस आर्टिकल में हमने आपके साथ सफल लोगो की 8 अच्छी आदते शेयर की जो हर सफल व्यक्ति अपनी लाइफ में अनुसरण करता है और खुद को सफलता की ओर बढाता रहता है. आप यह आर्टिकल में बताई गई इन आदतों को फॉलो करना शुरू करे. आपके नजदीकी लोगो को कुछ ही दिनों में आपकी व्यक्तित्व में एक दम बदलाव नजर आने लग जायेगा.

आप यह महसूस करने लग जाओगे की आपकी सोच एक सामान्य व्यक्ति की सोच से बेहतर बनती जा रही है. इसलिए इस आर्टिकल में बताई गई आदतों को सिर्फ पढना नहीं है बल्कि अपने जीवन में भी फॉलो करना है.
All the Best!
#Success #सफलता